परवेज मुशर्रफ के समर्थन में उतरी पाकिस्तानी आर्मी, फांसी की सजा पर कहा- देश की रक्षा करने वाला गद्दार नहीं हो सकता
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली
- Last updated: Tue, 17 Dec 2019 09:47 PM IST
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाए जाने से पाकिस्तान की सेना नाराज नजर आ रही है। कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तान सेना ने तानाशाह पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का वाहवाही करते हुए कहा कि पूर्व सेना प्रमुख और राष्ट्रपति के खिलाफ इस तरह के फैसले से उन्हें बहुत पीड़ा हुई हैं।
पाकिस्तान के डीजी आईएसपीआर ने इसको लेकर एक ट्वीट किया है और लेटर शेयर किया है। जिसमें कहा गया है कि पूर्व सेना प्रमुख, स्टाफ कमिटी के ज्वाइंट चीफ और पूर्व राष्ट्रपति जिसने 40 साल तक देश की सेवा की और युद्धों में भाग लिया वो गद्दार नहीं हो सकता है।
इसके अलावा सेना ने दलील दी है कि सजा देने की प्रक्रिया में संविधान को नजरअंदाज किया गया है और आत्मरक्षा के फंडामेंटर लाइट का उल्लंघन भी किया गया है। अंत में सेना ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि संविधान के अनुसार परवेज मुशर्रफ के साथ न्याय किया जाएगा।
Statement on decision by Special court about General Pervez Musharraf, Retired.
25.8 हज़ार लोग इस बारे में बात कर रहे हैं
गौरतलब है कि देशद्रोह के मामले में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई गई है। उन पर आपातकाल लगाने का आरोप था। आपको बता दें कि मार्च 2016 से मुशर्रफ इलाज कराने के लिए दुबंई में रह रहे है और तभी से वह इस मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। मौत की सजा पाने वाले मुशर्रफ दूसरे राष्ट्रपति हैं।
इलामाबाद की विशेष अदालत ने मुशर्रफ को यह सजा सुनाई है। आपको बता दें कि मुशर्रफ ने नवंबर 2009 में पाकिस्तान में आपातकाल लगाया था। इसके बाद नवाज शरीफ की सरकार ने 2013 में मुशर्रफ के खिलाफ केस दर्ज किया था।
मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में रह रहे हैं। वह संविधान को भंग करने और 2007 में आपात शासन लगाने के मामले में राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं। 76 वर्षीय मुशर्रफ उपचार के लिए दुबई गए थे लेकिन तब से सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर लौटे नहीं।
मुशर्रफ के वकीलों ने शनिवार को याचिका दायर की जिसमें लाहौर हाईकोर्ट से कहा था कि विशेष अदालत में सुनवाई पर तब तक रोक लगाई जाए जब तक कि हाईकोर्ट पहले से लंबित याचिका पर फैसला न दे दे। मुशर्रफ की याचिका पर अदालत ने संघीय सरकार को नोटिस जारी किया था। अदालत ने इस याचिका पर भी मुख्य याचिका के साथ ही सुनवाई का फैसला किया था।