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सुप्रीम कोर्ट ने CBSE से कहा है कि वह 10वीं और 12वीं की बाकी परीक्षाएं रद्द करने और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट जारी करने के बारे में सोचे। शीर्ष कोर्ट बुधवार को अभिभावकों के एक समूह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कोरोना महामारी के मद्देनजर CBSE की शेष परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई है। इस दौरान CBSE ने कहा है कि वह स्थिति को देखते हुए अपने दिशा-निर्देश बताएगा।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि इस मामले में बोर्ड 23 जून को अगली सुनवाई में अपना जवाब पेश करे। बोर्ड की बाकी परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होनी हैं।फिलहाल CBSE 12वीं के 29 मुख्य विषयों की ही परीक्षा ले रहा है। वहीं नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगों की वजह से रद्द हुईं 10वीं की परीक्षाएं होंगी।
ICSE ने छात्रों से पूछा- पेपर देना है या प्रमोशन दें
ICSE ने परीक्षार्थियों से पूछा है कि वे दो जुलाई से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे या प्री-बोर्ड अथवा इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोशन चाहते हैं। उन्हें अपना विकल्प निर्धारित प्रोफार्मा में भरकर 18 जून तक स्कूल को भेजना है।
याचिकाकर्ता का तर्क- जुलाई माह में जोखिम न लिया जाए
याचिकाकर्ताओं का तर्क दिया कि एम्स के आंकड़ों के अनुसार कोरोना महामारी जुलाई में पीक पर होगी। इसलिए बची हुई परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाए। इसी तर्क के आधार पर पैरेंट्स ने 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होनी वाली परीक्षाओं के खिलाफकोर्ट मेंयाचिका दायर की है।
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