सरकारी मदद खत्म करने, मुफ्त भोजन बंद करने जैसे इन 9 तरीकों से ट्रम्प ने अमेरिका में असमानता बढ़ाई

अमेरिका में अश्वेतों- गोरों, अमीरों-गरीबों के बीच असमानता खत्म करने के संघर्ष में अक्सर संसद और सुप्रीम कोर्ट के कानूनों और फैसलों का जिक्र होता है। लेकिन, राष्ट्रपति का प्रशासन इन उपायों को बेअसर कर देता है। अश्वेतों सहित अन्य लोगों को बराबरी का अधिकार देने के लिए लागू कई कानूनों पर पूर्व राष्ट्रपतियों ने पूरी तरह से अमल नहींं होने दिया।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार भी ऐसा ही करती है। ट्रम्प प्रशासन ने पर्दे के पीछे चुपचाप मौजूदा नियमों को वापस लेकर नए नियम जारी कर दिए। इनके तहत अश्वेतों, बाहर से आए लोगों, मूल अमेरिकियों, किन्नरों और अन्य वंचित लोगों को संरक्षण और अवसर देने के उपायों का खत्म कर दिया गया है। जानिए ये 9 उदाहरण...

  • कर्जदारों की मुश्किल बढ़ाई

कम आय वाले अमेरिकी अक्सर कर्ज के दुष्चक्र में फंसे रहते हैं। अन्य अमेरिकियों की तुलना में अश्वेतों के स्थायी कर्जदार होने की 105% अधिक संभावना रहती है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासनकाल में कर्जदारों को राहत देने के लिए लागू नियम में साहूकार के लिए जरूरी किया गया कि वह पुराना ऋण चुकाने पर ही नया ऋण देगा। ट्रम्प ने कर्ज देने वाली इंडस्ट्री का साथ देते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी है।

  • गर्भ निरोध रोकने की कोशिश

2011 में ओबामा सरकार ने जन्म नियंत्रण के उपायों पर होने वाले खर्च को स्वास्थ्य बीमा में शामिल करने का प्रावधान किया था। ट्रम्प प्रशासन इससे उन नियोक्ताओं को छूट देने जा रहा है जो धार्मिक या नैतिक कारणों से गर्भ निरोधक उपायों का विरोध करते हैं। अवांछित गर्भ रोकने के आईयूडी जैसे उपायों का खर्च लगभग 98 हजार रुपए पड़ता है। इससे सबसे ज्यादा अश्वेतों सहित अन्य गरीब प्रभावित होंगे।

  • माइग्रेंट्स के लिए नई बाधाएं खड़ी कीं

अमेरिका में गरीब देशों के लोगों के लिए रहने और नौकरी करने के लिए जरूरी ग्रीन कार्ड हासिल करना मुश्किल हो गया है। फरवरी 2020 के बाद ग्रीन कार्ड आवेदक प्रवासियों की अंग्रेजी, शैक्षणिक योग्यता, स्वास्थ्य और आय का ध्यान रखा जा रहा है। गरीबी रेखा से 250% अधिक आय वाले परिवार को ग्रीन कार्ड मिल सकता है। इस कारण गरीब देशों के लोगों को ग्रीन कार्ड नहीं मिलेगा।

  • मूल निवासी की जमीन इंडस्ट्री को दी

अमेरिका के मूल निवासियों के हितों को डोनाल्ड ट्रम्प नुकसान पहुंचा रहे हैं। वे जमीन आवंटन के मामले में तेल, गैस इंडस्ट्री का साथ दे रहे हैं। उटा में मूल निवासियों के स्मारक की 85% जमीन मनोरंजन इंडस्ट्री को दे दी गई है। राष्ट्रपति ने आदिवासी सलाहकार परिषद के अधिकार सीमित कर दिए हैं।

  • मुफ्त भोजन बंद करने का फैसला लिया

1996 से बेरोजगारों और निर्धनों को पोषण आहार कार्यक्रम के तहत खाना-फूड स्टैम्प दिया जाता है। दिसंबर में ट्रम्प ने फूड स्टैम्प देने के नियम कड़े कर दिए हैं। अब पिछले 24 माह से 6% बेरोजगारी दर वाले क्षेत्रों में मुफ्त खाना दिया जाएगा। 6.44 लाख लोग फूड स्टैम्प से वंचित हो जाएंगे।

  • दुष्कर्म पीड़ितों पर बोझ डाला

शिक्षा परिसरों में दुष्कर्म या यौन दुर्व्यवहार के मामलों में संबंधित शिक्षण संस्थान की कानूनी जवाबदेही नहीं रहेगी। दोनों पक्षों को अदालत में पूछताछ का सामना करना पड़ेगा। पीड़ित छात्रा पर अपराध साबित करने का बोझ पड़ेगा।

  • स्वास्थ्य सुविधाओं में कटौती की

ट्रम्प सरकार ने स्वास्थ्य बीमा सुविधा को काम से जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। इससे लाइलाज बीमारियों से पीड़ित लोगों को नुकसान होगा। 12 से अधिक राज्यों ने प्रस्ताव लागू कर दिया है। फैसले को अदालत में चुनौती दी गई है।

  • गर्भपात के लिए मदद नहीं दी

सरकार ने नियम बनाया है कि सरकारी मदद पाने वाले परिवार नियोजन सेंटर गर्भपात के लिए आने वाली महिलाओं की सहायता नहीं करेंगे। पहले इन सेंटरों में ऐसी सुविधा थी। इससे 22% अश्वेत महिलाएं प्रभावित होंगी।

  • गरीबी की दर में बदलाव कर दिया

ट्रम्प प्रशासन ने चार लोगों के परिवार के लिए गरीबी की सीमा रेखा-सालाना 19 लाख रु. की आय- में परिवर्तन का संकेत दिया है। इसे महंगाई से जोड़ा जाएगा। इससे लाखों लोग कई तरह की सरकारी सहायता से वंचित हो जाएंगे।



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अश्वेतों सहित अन्य लोगों को बराबरी का अधिकार देने के लिए लागू कई कानूनों पर पूर्व राष्ट्रपतियों ने पूरी तरह से अमल नहींं होने दिया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार भी ऐसा ही करती है।