अमेरिका में एच1बी वीसा वाले विदेशी नागरिकों के अस्थायी रूप से रहने और काम करने पर साल के अंत तक रोक लग गई है। ट्रम्प ने ऐसा इसलिए किया ताकि चुनावी साल में अमेरिकियों को ज्यादा मौके मिल सके। लेकिन, जिन लोगों को नौकरी के लिए ट्रम्प ने यह फैसला लिया है, उनमें से ज्यादातर जरूरी योग्यता ही नहीं रखते।
इनमें कंप्यूटर, आईटी, इंजीनियरिंग प्रमुख हैं। इनमें 76% कर्मचारी विदेशी हैं। वहीं, जहां छूट दी है, उनमें ये सिर्फ 4% तक ही हैं। यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज के मुताबिक, 2019-20 में सबसे ज्यादा 2.5 लाख एच-1बी वीसा कंप्यूटर-आईटी से जुड़े थे। ये किसी भी सेक्टर से ज्यादा हैं। इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर दूसरे नंबर पर है।
ट्रम्प मानते हैं कि सस्ते विदेशी कर्मचारियों की वजह से स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती। जबकि स्टेटिस्टा और यूएससीआईएस के आंकड़ों के हिसाब से एच-1बी वीसा वाले कर्मचारियों की सालाना आय 1.14 लाख डॉलर, यानी करीब 85 लाख रुपए है, जिसे सस्ता नहीं कहा जा सकता।
दूसरा, एच-1बी आईटी पेशेवरों की कमी दूर करने में प्रभावी साबित हुआ है। हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी ने कहा कि सबसे अधिक मांग वाले एच-1बी वीसा सहित अन्य वीसा का निलंबन एक अदूरदर्शी नीति है।
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