राजस्थान में पहली बार 5 कंपनियों को ठेका मिला; 25 ड्रोन तैनात किए जाएंगे, हर एक की कीमत 10 लाख रुपए

ईरान और पाकिस्तान के बाद फसलों को चट करने वाला टिड्डी दल अब भारत में उत्पात मचा रहा है। लाखों की संख्या में आए ये टिड्डी राजस्थान में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। राज्य सरकार ने 5 जिलों में इन्हें ड्रोन से खत्म करने की योजना बनाई है। इसके लिए 5 कंपनियों को ठेका दिया गया है। कंपनियों ने जोधपुर और बाड़मेर में काम भी शुरू कर दिया है। 5 जिलों में 25 ड्रोन तैनात करने की तैयारी है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब टिडि्डयों को मारने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।

एक ड्रोन की कीमत 10 लाख रुपए और वजन 25 किलो है। ड्रोन एक बार में 20 मिनट तक उड़ सकता है, जिसके जरिए 10 लीटर केमिकल का छिड़काव किया जा सकता है। इन्हें एग्रीकल्चर स्प्रेइंग ड्रोन कहा जाता है। हर जिले को 5-5 ड्रोन अलॉट किए गए हैं।

80% टिड्‌डी खत्म करने का दावा

जोधपुर के मोखेरी गांव मेंड्रोन की मदद से टिड्डी दल का खात्मा करते कंपनी के सदस्य।

जोधपुर में टिड्डी मारने का काम कर रही मुंबई की हेला इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के मुताबिक, ड्रोन से 80% टिड्डी धराशायी हो जाते हैं। इसके अलावा बीकानेर में आयोटेक एग्रीवेशन, बाड़मेर में प्राइम यूएवी, जैसलमेर में जनरल एरोनॉटिक्स और जोधपुर में ओमनी प्रजेंट और हेला इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को काम दिया गया है।

रेतीले इलाके में ड्रोन ही कारगर

जोधपुर के मोखेरी गांव में टिड्डी दल मारने के लिए सैटअप जमाती टीम।

रेत के टीलों, उबड़-खाबड़ जमीन, खेतों और पहाड़ी क्षेत्रों में गाड़ियां आसानी से नहीं पहुंच पातीं। यहां से टिड्डी बच कर निकल जाते हैं। कई बार इतनी ऊंचाई पर चले जाते हैं कि वॉटर स्प्रेडिंग नहीं हो पाती। ऐसे में ड्रोन से इन पर काबू पाना आसान होगा।



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कंपनी का दावा है कि मोखेरी गांव में 5 घंटे में 80% टिडि्डयों का सफाया किया गया।


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